एक मुदत के बाद मुझे उसका ख्वाब आया,
ख्वाब में उसे अपने साथ सफ़र करते पाया॥
वो मेरे सामने बैठी थी, पर पर्दा नशीं थी ,
नज़र ठहर गई चेहरे पर,जब उसने पर्दा उठाया॥
शायद पहचान ना पाई मुझको,इसीलिए पूछ बैठा ,
पूछा जो नाम ,तो पल भर के लिए चेहरा उतर आया!
सोच रहा था कैसे शुरू करूँ ,क्या उससे मै कहूँ ,
शुक्र है बताने पर ही सही ,उसे कुछ याद तो आया..
उसका चेहरा आज भी मेरी कल्पना जैसा था,
अक्सर रातों को आए किसी सपने जैसा था !
जैसी उम्मीद थी उसे कुछ वैसा ही पाया,
जब साथ बैठे लोगों से मेरा परिचय करवाया ....
गिर ना पड़ें कहीं मेरी आँखों से आंसू ,
मै जल्दी का बहाना करके घर चला आया ....
Vartika Nanda Travelogue: Bhopal to Bhimbetka: 20 April, 2024
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।।। Bhopal to Bhimbetka ।।।
एक शहर जो हैरान करता है। भोपाल वही शहर है। इस बार इस शहर से लगे भीमबेतका को
दैखा और अब तक मेरी हैरानी चरम पर है।
The Bhimbe...
1 हफ़्ते पहले