बुझी नहीं बरसों से जाने कैसी ये प्यास है ,
जानता हूँ तू नहीं आएगी फिर भी तेरी आस है !!
कहता है ज़माना 'कौशिक' हो गया दीवाना ,
कोई क्या जाने तू हर पल मेरे साथ है !!
तुझे पाकर भी मै कभी पा ना सका ,
मेरे दिल में बसा हुआ तू वो एहसास है !!
भुला नहीं आँखों से तेरी बेवफाई का मंज़र ,
या खुदा ! क्यों फिर भी मुझे प्यार पे विश्वास है !!
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