मै अक्सर अकेले में,
पूछता हूँ अपने दिल से ,
ऐ दिल बता तू क्या चाहता है !
सुनकर मुस्कुराता है दिल,
और कहता है मुझसे ,
आज पूछते हो तुम,
जब दफ़न हो गई हर ख्वाइश ,
तेरी जरुरत के आगे ,
दब गई मेरी आवाज़ ,
तेरी फितरत के आगे !
आज पूछते हो तुम ,
जब मजबूरियां बन गई कमजोरियां ,
तुम करते रहे समझोते हालात से ,
और बढती गई दूरियां !
जब बदल दिए रास्ते,
रुकावटों के डर से ...
सोचो क्या सोच के निकले थे घर से !
आज पूछते हो तुम ,
जब भुला चुके खुद को ही ,
आगे बढ़ने कि होड़ में ...
और पिछड़ गए हर दौड़ में ....
काश उस दिन सुनी होती मेरी आवाज़ ,
जब उठाया था पहला कदम ,
तब मै बताता क्या है तेरी मंजिल ,
और क्या है तेरा रास्ता !
Vartika Nanda Travelogue: Bhopal to Bhimbetka: 20 April, 2024
-
।।। Bhopal to Bhimbetka ।।।
एक शहर जो हैरान करता है। भोपाल वही शहर है। इस बार इस शहर से लगे भीमबेतका को
दैखा और अब तक मेरी हैरानी चरम पर है।
The Bhimbe...
1 हफ़्ते पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें