' अधुरा गीत '
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क्या गाऊं बता मै तेरे लिए ,
एक सपना है तू मेरे लिए ....
सागर से गहरी आँखें है तेरी ,
झुक गई जो नजरें मिलते ही मेरी ....
एक पल तो लगा हकीकत है कोई ,
आसमान से अप्सरा शायद उतरी है कोई ...
क्या गाऊं ......
जुल्फें काली घटा सी घनेरी ,
गालों को चूमती लट ये तेरी ...
गोरा मुखड़ा चाँद का टुकड़ा ,
हटती नहीं जिससे नज़र ये मेरी ...
ये गीत बनाऊं मै तेरे लिए ,
एक सपना है तू मेरे लिए ....
Vartika Nanda Poetry
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अजब संयोग है या दुर्योग
छूटी हुई प्रार्थनाएं याद आती हैं
तीर्थों में छोड़ आई थी उन्हें
लगा था – वे सुरक्षित रहेंगी और अपनी उम्र पा लेंगी
पानी पर लकीरे...
9 घंटे पहले
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