बिन देखे क्या कहे ,
बिन जाने क्या लिखे ...
कुछ तुम कहो ,
कुछ हम कहे ,
आओ एक दूजे को जान ले ...
जिन्दगी की इस दोड़ में ,
आगे बढने की होड़ में ,
कुछ अपने पीछे छुट गए,
कुछ रिश्ते भी टूट गए ...
मिलना अपना मुमकिन नहीं,
फिर भी अगर मिल जाए कहीं ...
शब्दों की बिना पर,
एक दूजे को पहचान ले ....
कुछ तुम कहो,
कुछ हम कहे,
आओ एक दूजे को जान ले ......
Vartika Nanda Poetry
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अजब संयोग है या दुर्योग
छूटी हुई प्रार्थनाएं याद आती हैं
तीर्थों में छोड़ आई थी उन्हें
लगा था – वे सुरक्षित रहेंगी और अपनी उम्र पा लेंगी
पानी पर लकीरे...
10 घंटे पहले
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