अन्धेरें की आदत इस कदर पड़ गई 'कौशिक' कि अब तो चांदनी से भी डर लगता है ,
ख्वाब देखें हैं जब से उनके ,
दीवाना हो गया मै उनका ...
निगाहें ढूंढ़ रही है उनको ,
नाम तक मालूम नहीं जिनका ...
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