'कौशिक' की कलम से


दिल में आए ख्यालों को लफ्जों में पिरोता हूँ ,लिखने के इस सलीके को लोग नाम शायरी का देते हैं ,



ख्वाब देखें हैं जब से उनके ,

दीवाना हो गया मै उनका ...

निगाहें ढूंढ़ रही है उनको ,

नाम तक मालूम नहीं जिनका ...

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