अन्धेरें की आदत इस कदर पड़ गई 'कौशिक' कि अब तो चांदनी से भी डर लगता है ,
उमर बीत गई उन्हें समझाते समझाते ,पर वो अब तक नहीं समझे ,
बाद मरने के अगर समझे 'कौशिक ',तो फिर क्या समझे ......
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