ख्वाबों में देखूं तो बड़ी हसीं लगती है जिंदगी ......
खुली आँखों से बड़ी बेजान सी लगती है ज़िन्दगी ...
महफ़िल में जाऊँ तो रंगीन लगती है ये जिंदगी ....
तन्हाई में सोचूं तो गुमनाम है ये जिंदगी .....
खुशिओं के साए में बड़ी छोटी लगती है जिंदगी .....
गम की परछाई में बहुत लम्बी लगती है जिंदगी ....
यूं तो दोस्तों के बिना भी जीते हैं जिंदगी,
पर "कौशिक "यही है जीना तो क्या है जिंदगी...
Vartika Nanda Poetry
-
अजब संयोग है या दुर्योग
छूटी हुई प्रार्थनाएं याद आती हैं
तीर्थों में छोड़ आई थी उन्हें
लगा था – वे सुरक्षित रहेंगी और अपनी उम्र पा लेंगी
पानी पर लकीरे...
10 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें